एक बार फिर से रूस में पुतिन का राज होगा। व्लादिमीर पुतिन ने रूस में हुए राष्ट्रपति चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है। 71 वर्षीय पुतिन ने आसानी से एक बार फिर अपना छह साल का नया कार्यकाल सुरक्षित कर लिया है। सत्ता पर करीब 25 साल से काबिज राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 88 प्रतिशत वोट मिले हैं।बतौर राष्ट्रपति ये उनका पांचवा कार्यकाल होगा। वो 2030 तक रूस के राष्ट्रपति बने रहेंगे। 1999 में रूस की सत्ता की बागडोर व्लादिमीर पुतिन को सौंपी गई थी। तब से लेकर आज तक वो कई चुनाव नहीं हारे।
सोमवार को नतीजों की घोषणा होने के बाद पुतिन ने अपने पहले संबोधन में पश्चिमी देशों को धमकी देते हुए तीसरे विश्वयुद्ध की चेतावनी दे दी। उन्होंने कहा कि रूस और अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो गठबंधन में अगर संघर्ष हुआ तो इसका मतलब ये है कि यह दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध से महज एक कदम दूर होगी और शायद ही कोई ऐसी परिस्थिति देखना चाहता है।
जीत के बाद व्लादिमीर पुतिन रूस के लोगों और यूक्रेन में लड़ रहे सैनिकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि रूस को न तो डराया जा सकता है और न ही दबाया जा सकता है। उन्होंने कहा वोट के नतीजे उनके नेतृत्व में रूसी नागरिकों के भरोसे को दर्शाते हैं। रूस के लोग उन पर भरोसा करते हैं ये बात चुनाव के नतीजों से साफ पता चलती है। उन्होंने रूस के उन लड़ाकों का खास तौर पर धन्यवाद किया जो बिना किसी डर और निस्वार्थ भाव से देश की रक्षा करते हैं।
अमेरिका का उड़ाया मजाक
वहीं, पुतिन ने अमेरिका और पश्चिमी देशों द्वारा रूस के चुनाव की आलोचना करने पर खुद अमेरिका के लोकतंत्र का मजाक उड़ाया और कहा कि 'पूरी दुनिया उन (अमेरिका) पर हंस रही है, वहां क्या हो रहा है।'
अमेरिका ने लगाया आरोप
दरअसल, संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम और अन्य देशों ने रूस में हुए चुनाव की आलोचना की है। पश्चिमी देशों ने कहा है कि राजनीतिक विरोधियों की कैद और सेंसरशिप के कारण वोट न तो स्वतंत्र था और न ही निष्पक्ष था। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ने कहा, "चुनाव स्पष्ट रूप से स्वतंत्र या निष्पक्ष नहीं हैं, क्योंकि पुतिन ने राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाल दिया है और दूसरों को उनके खिलाफ लड़ने से रोका है। पुतिन द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण का आदेश देकर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे घातक यूरोपीय संघर्ष शुरू करने के ठीक दो साल बाद यह चुनाव हुआ है। उन्होंने इसे "विशेष सैन्य अभियान" बताया।
रूस-यूक्रेन युद्ध को दो साल पूरे हो चुके हैं। यूक्रेन के कुछ हिस्सों पर रूस ने अपना कब्जा भी जमा लिया है। हालांकि, अभी युद्ध रुका नहीं है और यूक्रेन की तरफ से आक्रमकता कम नहीं की गई है। इसी वजह से माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में भी ये युद्ध भीषण रूप लेता दिख सकता है। इसी कड़ी में अब रूसी राष्ट्रपति ने बड़ा बयान दिया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने गुरुवार को पश्चिमी देशों को खुली चुनौती दी, पुतिन अमेरिका पर गरजे तो यूरोप को भी नहीं बख्शा। अपने भाषण में पुतिन ने नाटो की भी जमकर क्लास लगाई। पुतिन ने राष्ट्र के नाम संबोधन में नाटो देशों को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने यूक्रेन में सेना भेजी तो उन्हें परमाणु संघर्ष का सामना करना होगा।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चुनाव से कुछ दिन पहले देश के नाम संबोधन दिया। 2 घंटे से ज्यादा समय चले इस भाषण में उन्होंने कहा- रूस के बिना विश्व में शांति संभव नहीं है। पश्चिमी देश रूस और यूक्रेन दोनों को बर्बाद करना चाहते हैं। हमारे अंदरूनी मामलों में कोई दखल नहीं दे सकता।पुतिन ने कहा यूक्रेन में हो रहे स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन में हमें जनता का समर्थन मिला। उन्होंने जंग लड़ रहे सैनिकों को हीरो बताया। उन्होंने कहा- सैनिकों को पूरे देश का समर्थन मिल है। पुतिन जंग में मारे गए सैनिकों के लिए एक पल के लिए मौन हुए।
इसके बाद उन्होंने कहा- रूस अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ रहा है। अमेरिका देश में फूट डालने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि पश्चिम के देश रूस के साथ वही करने का इरादा रखते हैं जो उन्होंने यूक्रेन और अन्य देशों के साथ किया। वह हमें एक अधमरे और हारे हुए राज्य में बदलना चाहते हैं, जो कभी नहीं होगा। पुतिन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर रूसी संघ में पश्चिमी देशों का हस्तक्षेप जारी रहा, तो वो हाल करेंगे जो पिछले युगों से कहीं अधिक दुखद होंगा। ऐसे प्रयास न रुके तो रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने में नहीं हिचकेगा।
यूरोप पर रूस के हमले के दावों को किया खारिज
पुतिन ने अमेरिका के उन दावों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि रूस यूरोप पर हमला कर सकता है। पुतिन ने कहा कि अमेरिका देशों को संघर्ष के लिए उकसाता है, यूक्रेन, मिडिल ईस्ट और अन्य क्षेत्रों में उसने ही संघर्ष को बढ़ावा दिया और झूठ बोलकर वह इसे छिपाता है। जिस तरह से रूस द्वारा यूरोप पर हमले की बात कही जा रही है वह साफ बकवास है, पुतिन ने कहा कि अमेरिका ने एक और झूठ बोला था, इसमें कहा गया था कि रूस ने अंतरिक्ष में परमाणु हथियार तैनात किए हैं, अमेरिका ये इसलिए कर रहा है ताकि रूस उससे बातचीत करें, हम हमेशा बातचीत अपनी शर्तों पर करते हैं, हम अगर वाशिंगटन से बातचीत के लिए तैयार भी होंगे तो सिर्फ इस शर्त पर जब उसमें रूस का भला हो।
रूस कब कर सकता है परमाणु हथियारों का इस्तेमाल?
पुतिन के परमाणु युद्ध की चेतावनी के पहले फाइनेंशियल टाइम्स ने लीक दस्तावेजों के माध्यम से एक हैरान कर देने वाली रिपोर्ट दुनिया के सामने रखी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि आखिर किस स्थिति में रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। इसमें कई वजहें हो सकती हैं। लीक हुई फाइलें 2008 से 2014 के बीच की बताई जा रही हैं। इसके मुताबिक रूस परमाणु हथियारों का कब और किस स्थिति में इस्तेमाल करेगा, उसने पहले से ही अपना मंसूबा तैयार कर रखा है। लीक हुए फाइलों के अनुसार रूस जिन परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने वाला है उससे पूरे शहर बर्बाद नहीं होंगे। रिपोर्ट में बताया गया है कि रूसी सेना कितनी बर्बादी के बाद अपने परमाणु हथियारों से हमलों को अंजाम देगा।
रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर रूस के 20 फीसदी रणनीतिक बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां तबाह हो जाती हैं तो वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करना शुरू कर देगा.
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने की पीएम मोदी के सख्त रूख की तारीफ, बोले-उन्हें डराया-धमकाया नहीं जा सकता
#vladimirputinpraisespmmodi
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की।पुतिन ने पीएम मोदी के सख्त रुख की सराहना की है। पुतिन ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्हें राष्ट्रीय हितों के विपरीत निर्णय लेने के लिए डराया या मजबूर नहीं किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी खुद रूस और भारत के रिश्तों की गारंटी हैं।
राष्ट्रीय हितों पर पीएम मोदी का रुख सख्त- पुतिन
पुतिन ने कहा, जब राष्ट्रीय हितों की रक्षा की बात आती है तो पीएम मोदी के सख्त रुख की तारीफ की जाती है। मैं कल्पना नहीं कर सकता कि मोदी को ऐसे कोई भी काम करने, कदम उठाने और निर्णय लेने के लिए डराया, धमकाया या मजबूर किया जा सकता है जो भारत और भारतीय लोगों के खिलाफ हो। उन्होंने कहा मैं जानता हूं कि उन पर इस तरह का दबाव है।हालांकि, हमने कभी उनसे इस बार में बात भी नहीं की। मैं सिर्फ बाहर से चीजें देख रहा हूं। सच कहूं तो मैं कई बार भारत और भारतीय लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए मोदी के कड़े रुख को देखकर भी चौंक जाता हूं।
रूस और भारत के रिश्ते की गारंटी मोदी- पुतिन
रूसी मीडिया स्पूतनिक के मुताबिक पुतिन ने 14वें VTB इन्वेस्टमेंट फोरम 'रूस कॉलिंग' में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा- रूस और भारत के रिश्ते लगातार डेवलप हो रहे हैं और इसकी गारंटी प्रधानमंत्री मोदी की नीति है। उन्होंने कहा, मैं कहना चाहूंगा कि रूस और भारत के बीच संबंध सभी दिशाओं में प्रगतिशील रूप में विकसित हो रहे हैं और पीएम मोदी की ओर से अपनाई गई नीति इसकी मुख्य गारंटर है। वह निश्चित रूप से विश्व राजनीतिक हस्तियों के उस समूह से संबंधित हैं जिनके बारे में मैंने बिना नाम लिए बात की।
भारत और रूस के बीच व्यापार कारोबार बढ़ रहा-पुतिन
पुतिन ने कहा, भारत और रूस के बीच व्यापार कारोबार बढ़ रहा है, पिछले साल यह प्रति वर्ष 35 बिलियन डॉलर था और इस साल की पहली छमाही में ही यह 33.5 बिलियन डॉलर था, यानी कि वृद्धि होगी। हां हम सभी समझते हैं कि काफी हद तक,रूसी ऊर्जा संसाधनों पर छूट के कारण भारत को प्राथमिकताएं मिलती हैं। वह वास्तव में सही काम कर रहे हैं।
पहले भी की है तारीफ
ऐसा पहली बार नहीं है कि रूसी नेता ने भारत की विदेश नीति की तारीफ की है। इससे पहले इसी साल जून में एक कार्यक्रम में पुतिन ने मोदी सरकार की 'मेक इन इंडिया' स्कीम की भी जमकर तारीफ की थी। साथ ही उन्होंने पीएम मोदी को बेहतरीन दोस्त भी बताया था। 4 अक्टूबर 2023 को फाइनेंशियल सिक्योरिटी पर एक ओलंपियाड को संबोधित करते हुए पुतिन ने मोदी को बुद्धिमान व्यक्ति बताया था।
*यूक्रेन के साथ युद्ध के लिए कौन जिम्मेदार? रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इनपर उठाई अंगुली*
#russiapresidentvladimirputinspeechinparliament
यूक्रेन के खिलाफ जंग को एक साल पूरे होने से ठीक दो दिन पहले और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के यूक्रेन दौरे के ठीक एक दिन बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन देश को संबोधित किया।अपने संबोधन के दौरान पुतिन ने कहा कि वह ऐसे समय देश को संबोधित कर रहे हैं जो देश के लिए मुश्किलों भरा और अहम है। पूरी दुनिया में बड़े बदलाव हो रहे हैं।
रूस ने जंग टालने की तमाम कोशिशें कीं-पुतिन
अपने संबोधन में पुतिन ने कहा- रूस ने शुरुआत में जंग को टालने के लिए तमाम डिप्लोमैटिक कोशिशें कीं, लेकिन नाटो और अमेरिका ने इन्हें कामयाब नहीं होने दिया। हम अब भी बातचीत चाहते हैं, लेकिन इसके लिए शर्तें मंजूर नहीं है। रूस के राष्ट्रपति ने आगे कहा, पश्चिम ताकतों की दखल की वजह से हम आगे बढ़े, जेलेंस्की को बात करने का मौका दिया गया था।
नाटो ने यूक्रेन को बरगलाया-पुतिन
नाटो ने यूक्रेन को बरगलाया और उकसाने का काम किया है। यूक्रेन ने दुनिया को युद्ध में धकेला है। पुतिन ने कहा रूस ने सालों तक पश्चिमी देशों के साथ बातचीत के लिए तत्परता दिखाई, लेकिन उसे नज़रअंदाज़ कर दिया गया।
अमेरिका ने यूक्रेन के मामले को वैश्विक बना दिया
पुतिन ने कहा कि यूक्रेन को लॉन्ग रेंज डिफेंस सिस्टम दिए जा रहे हैं। हमारे बॉर्डर पर इसकी वजह से खतरा मंडरा रहा है। रूस और यूक्रेन का मामला लोकल था। अमेरिका और उसके साथियों ने इसे दुनिया का मसला बना दिया। अमेरिका और उसके साथी महज अपना दबदबा बढ़ाने की साजिश के खातिर दूसरों को मोहरा बना रहे हैं। वेस्टर्न पावर ने ही जंग के जिन्न को बोतल से बाहर निकाला है, और वो ही इसे वापस बोतल में डाल सकते हैं। हम तो सिर्फ अपने देश और लोगों की हिफाजत करना चाहते हैं और यही कर भी रहे हैं।
हमारी पीठ के पीछे अलग साजिश रची जा रही थी-पुतिन
पुतिन ने कहा कि डोनबास इलाके में शांति स्थापित करने के लिए हमने हरसंभव कोशिश की थी जो कि 2014 के बाद से ही संवेदनशील बना हुआ था लेकिन हमारी पीठ के पीछे अलग साजिश रची जा रही थी। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन और डोनबास झूठ के सिंबल बन गए हैं। रूसी राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में दावा किया कि यूक्रेन के लोग अपने पश्चिमी आकाओं के बंधक बन गए हैं। पश्चिमी देशों ने यूक्रेन की राजनीति, अर्थव्यवस्था और सेना पर कब्जा कर लिया है।
एक बार फिर से रूस में पुतिन का राज होगा। व्लादिमीर पुतिन ने रूस में हुए राष्ट्रपति चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है। 71 वर्षीय पुतिन ने आसानी से एक बार फिर अपना छह साल का नया कार्यकाल सुरक्षित कर लिया है। सत्ता पर करीब 25 साल से काबिज राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 88 प्रतिशत वोट मिले हैं।बतौर राष्ट्रपति ये उनका पांचवा कार्यकाल होगा। वो 2030 तक रूस के राष्ट्रपति बने रहेंगे। 1999 में रूस की सत्ता की बागडोर व्लादिमीर पुतिन को सौंपी गई थी। तब से लेकर आज तक वो कई चुनाव नहीं हारे।
सोमवार को नतीजों की घोषणा होने के बाद पुतिन ने अपने पहले संबोधन में पश्चिमी देशों को धमकी देते हुए तीसरे विश्वयुद्ध की चेतावनी दे दी। उन्होंने कहा कि रूस और अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो गठबंधन में अगर संघर्ष हुआ तो इसका मतलब ये है कि यह दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध से महज एक कदम दूर होगी और शायद ही कोई ऐसी परिस्थिति देखना चाहता है।
जीत के बाद व्लादिमीर पुतिन रूस के लोगों और यूक्रेन में लड़ रहे सैनिकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि रूस को न तो डराया जा सकता है और न ही दबाया जा सकता है। उन्होंने कहा वोट के नतीजे उनके नेतृत्व में रूसी नागरिकों के भरोसे को दर्शाते हैं। रूस के लोग उन पर भरोसा करते हैं ये बात चुनाव के नतीजों से साफ पता चलती है। उन्होंने रूस के उन लड़ाकों का खास तौर पर धन्यवाद किया जो बिना किसी डर और निस्वार्थ भाव से देश की रक्षा करते हैं।
अमेरिका का उड़ाया मजाक
वहीं, पुतिन ने अमेरिका और पश्चिमी देशों द्वारा रूस के चुनाव की आलोचना करने पर खुद अमेरिका के लोकतंत्र का मजाक उड़ाया और कहा कि 'पूरी दुनिया उन (अमेरिका) पर हंस रही है, वहां क्या हो रहा है।'
अमेरिका ने लगाया आरोप
दरअसल, संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम और अन्य देशों ने रूस में हुए चुनाव की आलोचना की है। पश्चिमी देशों ने कहा है कि राजनीतिक विरोधियों की कैद और सेंसरशिप के कारण वोट न तो स्वतंत्र था और न ही निष्पक्ष था। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ने कहा, "चुनाव स्पष्ट रूप से स्वतंत्र या निष्पक्ष नहीं हैं, क्योंकि पुतिन ने राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाल दिया है और दूसरों को उनके खिलाफ लड़ने से रोका है। पुतिन द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण का आदेश देकर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे घातक यूरोपीय संघर्ष शुरू करने के ठीक दो साल बाद यह चुनाव हुआ है। उन्होंने इसे "विशेष सैन्य अभियान" बताया।
रूस-यूक्रेन युद्ध को दो साल पूरे हो चुके हैं। यूक्रेन के कुछ हिस्सों पर रूस ने अपना कब्जा भी जमा लिया है। हालांकि, अभी युद्ध रुका नहीं है और यूक्रेन की तरफ से आक्रमकता कम नहीं की गई है। इसी वजह से माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में भी ये युद्ध भीषण रूप लेता दिख सकता है। इसी कड़ी में अब रूसी राष्ट्रपति ने बड़ा बयान दिया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने गुरुवार को पश्चिमी देशों को खुली चुनौती दी, पुतिन अमेरिका पर गरजे तो यूरोप को भी नहीं बख्शा। अपने भाषण में पुतिन ने नाटो की भी जमकर क्लास लगाई। पुतिन ने राष्ट्र के नाम संबोधन में नाटो देशों को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने यूक्रेन में सेना भेजी तो उन्हें परमाणु संघर्ष का सामना करना होगा।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चुनाव से कुछ दिन पहले देश के नाम संबोधन दिया। 2 घंटे से ज्यादा समय चले इस भाषण में उन्होंने कहा- रूस के बिना विश्व में शांति संभव नहीं है। पश्चिमी देश रूस और यूक्रेन दोनों को बर्बाद करना चाहते हैं। हमारे अंदरूनी मामलों में कोई दखल नहीं दे सकता।पुतिन ने कहा यूक्रेन में हो रहे स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन में हमें जनता का समर्थन मिला। उन्होंने जंग लड़ रहे सैनिकों को हीरो बताया। उन्होंने कहा- सैनिकों को पूरे देश का समर्थन मिल है। पुतिन जंग में मारे गए सैनिकों के लिए एक पल के लिए मौन हुए।
इसके बाद उन्होंने कहा- रूस अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ रहा है। अमेरिका देश में फूट डालने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि पश्चिम के देश रूस के साथ वही करने का इरादा रखते हैं जो उन्होंने यूक्रेन और अन्य देशों के साथ किया। वह हमें एक अधमरे और हारे हुए राज्य में बदलना चाहते हैं, जो कभी नहीं होगा। पुतिन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर रूसी संघ में पश्चिमी देशों का हस्तक्षेप जारी रहा, तो वो हाल करेंगे जो पिछले युगों से कहीं अधिक दुखद होंगा। ऐसे प्रयास न रुके तो रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने में नहीं हिचकेगा।
यूरोप पर रूस के हमले के दावों को किया खारिज
पुतिन ने अमेरिका के उन दावों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि रूस यूरोप पर हमला कर सकता है। पुतिन ने कहा कि अमेरिका देशों को संघर्ष के लिए उकसाता है, यूक्रेन, मिडिल ईस्ट और अन्य क्षेत्रों में उसने ही संघर्ष को बढ़ावा दिया और झूठ बोलकर वह इसे छिपाता है। जिस तरह से रूस द्वारा यूरोप पर हमले की बात कही जा रही है वह साफ बकवास है, पुतिन ने कहा कि अमेरिका ने एक और झूठ बोला था, इसमें कहा गया था कि रूस ने अंतरिक्ष में परमाणु हथियार तैनात किए हैं, अमेरिका ये इसलिए कर रहा है ताकि रूस उससे बातचीत करें, हम हमेशा बातचीत अपनी शर्तों पर करते हैं, हम अगर वाशिंगटन से बातचीत के लिए तैयार भी होंगे तो सिर्फ इस शर्त पर जब उसमें रूस का भला हो।
रूस कब कर सकता है परमाणु हथियारों का इस्तेमाल?
पुतिन के परमाणु युद्ध की चेतावनी के पहले फाइनेंशियल टाइम्स ने लीक दस्तावेजों के माध्यम से एक हैरान कर देने वाली रिपोर्ट दुनिया के सामने रखी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि आखिर किस स्थिति में रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। इसमें कई वजहें हो सकती हैं। लीक हुई फाइलें 2008 से 2014 के बीच की बताई जा रही हैं। इसके मुताबिक रूस परमाणु हथियारों का कब और किस स्थिति में इस्तेमाल करेगा, उसने पहले से ही अपना मंसूबा तैयार कर रखा है। लीक हुए फाइलों के अनुसार रूस जिन परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने वाला है उससे पूरे शहर बर्बाद नहीं होंगे। रिपोर्ट में बताया गया है कि रूसी सेना कितनी बर्बादी के बाद अपने परमाणु हथियारों से हमलों को अंजाम देगा।
रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर रूस के 20 फीसदी रणनीतिक बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां तबाह हो जाती हैं तो वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करना शुरू कर देगा.
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने की पीएम मोदी के सख्त रूख की तारीफ, बोले-उन्हें डराया-धमकाया नहीं जा सकता
#vladimirputinpraisespmmodi
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की।पुतिन ने पीएम मोदी के सख्त रुख की सराहना की है। पुतिन ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्हें राष्ट्रीय हितों के विपरीत निर्णय लेने के लिए डराया या मजबूर नहीं किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी खुद रूस और भारत के रिश्तों की गारंटी हैं।
राष्ट्रीय हितों पर पीएम मोदी का रुख सख्त- पुतिन
पुतिन ने कहा, जब राष्ट्रीय हितों की रक्षा की बात आती है तो पीएम मोदी के सख्त रुख की तारीफ की जाती है। मैं कल्पना नहीं कर सकता कि मोदी को ऐसे कोई भी काम करने, कदम उठाने और निर्णय लेने के लिए डराया, धमकाया या मजबूर किया जा सकता है जो भारत और भारतीय लोगों के खिलाफ हो। उन्होंने कहा मैं जानता हूं कि उन पर इस तरह का दबाव है।हालांकि, हमने कभी उनसे इस बार में बात भी नहीं की। मैं सिर्फ बाहर से चीजें देख रहा हूं। सच कहूं तो मैं कई बार भारत और भारतीय लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए मोदी के कड़े रुख को देखकर भी चौंक जाता हूं।
रूस और भारत के रिश्ते की गारंटी मोदी- पुतिन
रूसी मीडिया स्पूतनिक के मुताबिक पुतिन ने 14वें VTB इन्वेस्टमेंट फोरम 'रूस कॉलिंग' में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा- रूस और भारत के रिश्ते लगातार डेवलप हो रहे हैं और इसकी गारंटी प्रधानमंत्री मोदी की नीति है। उन्होंने कहा, मैं कहना चाहूंगा कि रूस और भारत के बीच संबंध सभी दिशाओं में प्रगतिशील रूप में विकसित हो रहे हैं और पीएम मोदी की ओर से अपनाई गई नीति इसकी मुख्य गारंटर है। वह निश्चित रूप से विश्व राजनीतिक हस्तियों के उस समूह से संबंधित हैं जिनके बारे में मैंने बिना नाम लिए बात की।
भारत और रूस के बीच व्यापार कारोबार बढ़ रहा-पुतिन
पुतिन ने कहा, भारत और रूस के बीच व्यापार कारोबार बढ़ रहा है, पिछले साल यह प्रति वर्ष 35 बिलियन डॉलर था और इस साल की पहली छमाही में ही यह 33.5 बिलियन डॉलर था, यानी कि वृद्धि होगी। हां हम सभी समझते हैं कि काफी हद तक,रूसी ऊर्जा संसाधनों पर छूट के कारण भारत को प्राथमिकताएं मिलती हैं। वह वास्तव में सही काम कर रहे हैं।
पहले भी की है तारीफ
ऐसा पहली बार नहीं है कि रूसी नेता ने भारत की विदेश नीति की तारीफ की है। इससे पहले इसी साल जून में एक कार्यक्रम में पुतिन ने मोदी सरकार की 'मेक इन इंडिया' स्कीम की भी जमकर तारीफ की थी। साथ ही उन्होंने पीएम मोदी को बेहतरीन दोस्त भी बताया था। 4 अक्टूबर 2023 को फाइनेंशियल सिक्योरिटी पर एक ओलंपियाड को संबोधित करते हुए पुतिन ने मोदी को बुद्धिमान व्यक्ति बताया था।
*यूक्रेन के साथ युद्ध के लिए कौन जिम्मेदार? रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इनपर उठाई अंगुली*
#russiapresidentvladimirputinspeechinparliament
यूक्रेन के खिलाफ जंग को एक साल पूरे होने से ठीक दो दिन पहले और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के यूक्रेन दौरे के ठीक एक दिन बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन देश को संबोधित किया।अपने संबोधन के दौरान पुतिन ने कहा कि वह ऐसे समय देश को संबोधित कर रहे हैं जो देश के लिए मुश्किलों भरा और अहम है। पूरी दुनिया में बड़े बदलाव हो रहे हैं।
रूस ने जंग टालने की तमाम कोशिशें कीं-पुतिन
अपने संबोधन में पुतिन ने कहा- रूस ने शुरुआत में जंग को टालने के लिए तमाम डिप्लोमैटिक कोशिशें कीं, लेकिन नाटो और अमेरिका ने इन्हें कामयाब नहीं होने दिया। हम अब भी बातचीत चाहते हैं, लेकिन इसके लिए शर्तें मंजूर नहीं है। रूस के राष्ट्रपति ने आगे कहा, पश्चिम ताकतों की दखल की वजह से हम आगे बढ़े, जेलेंस्की को बात करने का मौका दिया गया था।
नाटो ने यूक्रेन को बरगलाया-पुतिन
नाटो ने यूक्रेन को बरगलाया और उकसाने का काम किया है। यूक्रेन ने दुनिया को युद्ध में धकेला है। पुतिन ने कहा रूस ने सालों तक पश्चिमी देशों के साथ बातचीत के लिए तत्परता दिखाई, लेकिन उसे नज़रअंदाज़ कर दिया गया।
अमेरिका ने यूक्रेन के मामले को वैश्विक बना दिया
पुतिन ने कहा कि यूक्रेन को लॉन्ग रेंज डिफेंस सिस्टम दिए जा रहे हैं। हमारे बॉर्डर पर इसकी वजह से खतरा मंडरा रहा है। रूस और यूक्रेन का मामला लोकल था। अमेरिका और उसके साथियों ने इसे दुनिया का मसला बना दिया। अमेरिका और उसके साथी महज अपना दबदबा बढ़ाने की साजिश के खातिर दूसरों को मोहरा बना रहे हैं। वेस्टर्न पावर ने ही जंग के जिन्न को बोतल से बाहर निकाला है, और वो ही इसे वापस बोतल में डाल सकते हैं। हम तो सिर्फ अपने देश और लोगों की हिफाजत करना चाहते हैं और यही कर भी रहे हैं।
हमारी पीठ के पीछे अलग साजिश रची जा रही थी-पुतिन
पुतिन ने कहा कि डोनबास इलाके में शांति स्थापित करने के लिए हमने हरसंभव कोशिश की थी जो कि 2014 के बाद से ही संवेदनशील बना हुआ था लेकिन हमारी पीठ के पीछे अलग साजिश रची जा रही थी। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन और डोनबास झूठ के सिंबल बन गए हैं। रूसी राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में दावा किया कि यूक्रेन के लोग अपने पश्चिमी आकाओं के बंधक बन गए हैं। पश्चिमी देशों ने यूक्रेन की राजनीति, अर्थव्यवस्था और सेना पर कब्जा कर लिया है।
Mar 19 2024, 16:19